डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो० हिमांशु शेखर झा होंगे उत्तर प्रदेश के नए “राज्य आयुक्त दिव्यांगजन”

Dr. Himanshu Shekhar Jha

उत्तर प्रदेश (UP) के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) के अनुमोदन के पश्चात् माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने प्रो हिमांशु शेखर झा (Dr. Himanshu Shekhar Jha) को राज्य आयुक्त दिव्यांजन, उत्तर प्रदेश के पद पर नियुक्त किया।जिसके अनुपालन में प्रो हिमांशु शेखर झा ने आज दिनांक 24 जून 2024 को शासन पहुंच कर कार्यभार ग्रहण किया।

गौरतलब है कि दिनांक 24 जून 2024 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा गठित तीन वरिष्ठ आई. ए. एस. अधिकारियों की उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के अनुमोदनोंपरान्त उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय,लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो हिमांशु शेखर झा को समूचे उत्तर प्रदेश का नया राज्य आयुक्त दिव्यांगजन नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष के लिए की गई है।

प्रो. हिमांशु शेखर झा (Dr. Himanshu Shekhar Jha) के पास दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने का 14 वर्ष का विशाल अनुभव है। वे डा शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के वरिष्ठतम आचार्य हैं और समाजशास्त्र/ समाजविज्ञान विभाग के संस्थापक विभागाध्यक्ष के साथ ही कला एवं संगीत संकाय के सं स्थापक अधिष्ठाता रह चुके हैं।वे लगातार दो बार डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् के सदस्य रहने के साथ ही विश्वविद्यालय के आई. क्यू. ए. सी.( आंतरिक गुणवत्ता एवं सुनिश्चियन प्रकोष्ठ ) के निदेशक भी रह चुके हैं,

भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 पारित किया गया जोकि सम्पूर्ण देश में प्रभावी है ।

अधिनियम के अनुसार राज्य आयुक्त दिव्यांगजन के रूप में प्रो हिमांशु शेखर झा के पास समूचे प्रदेश के दिव्यांगजनों को न्याय दिलाने के लिए न्यायिक शक्तियां होंगी। वह सम्पूर्ण राज्य में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में निहित प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएंगें।
राज्य आयुक्त को इस अधिनियम के अधीन अपने कृत्यों का निर्वहन करने के प्रयोजन के लिए वही शक्तियां होती हैं , जो किसी वाद का विचारण करते समय सिविल प्रक्रिया संहिता के अधीन सिविल न्यायालय में निहित है। प्रादेशिक महत्त्व का यह महत्वपूर्ण पद शासन के प्रमुख सचिव के सामानांतर स्तर का पद है।

राज्य आयुक्त के समक्ष प्रत्येक कार्यवाही भारतीय दंड संहिता ( 1860 ) की धारा 193 और धारा 228 के अर्थों में न्यायिक कार्यवाही के लिए सिविल न्यायालय समझा जाएगा। राज्य आयुक्त दिव्यांगजन के रूप में प्रो हिमांशु शेखर झा, डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के सामान्य परिषद के सदस्य के साथ ही जगतगुरु श्रीरामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट के सामान्य परिषद एवं कार्यपरिषद् के सदस्य होंगे।

बतौर कुलपति प्रो0 हिमांशु शेखर झा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में लुई ब्रेल कम्प्यूटर लैब की स्थापना, ज्ञानवापी पर ऐतिहासिक फैसला देने वाले सेवानिवृत्त जज अजय कृष्ण विश्वेश की डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के लोकपाल पद पर नियुक्ति, प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित दिव्य अनुभूति मेले में अपनी कार्ययोजनाओं एवं उपलब्धियों पर प्रदर्शनी का आयोजन, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा वीमेन एम्वावरमेंट, गर्ल चाईल्ड एजुकेशन, डिसेबिलिटी अवेयरनेस, स्पाइनल काॅर्ड इंजरीज, टी.बी. रोकथाम एवं उपचार, पर्किन्सन डिसीज-रोकथाम एवं उपचार आदि विषयों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, स्नातक स्तर पर सी यू ई टी से प्रवेश,राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 2020 के अनुरूप संकायों का पुनर्गठन , राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 2020 के अनुरूप परास्नातक स्तर पर पाठ्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन, माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश की उपस्थिति में विश्वविद्यालय का समर्थ के साथ एम ओ यू जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का संपादन हुआ।

Share with love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *